सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की कुशलता एवम् सकुशल घर लौटने को गेप्स द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन

मनोज नौडियाल
दुर्गापुरी कोटद्वार ग्राम्य एकता प्रगति प्रेमांजलि समागम समिति ( गेप्स ) के तत्वावधान में राइजिंग सन पब्लिक स्कूल में श्री एम एस बिष्ट जी की अध्यक्षता में उत्तर काशी के सिलल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की कुशलता एवम् सकुशल घर वापसी के लिए भगवान श्री बद्री केदार एवम् क्षेत्रपाल देवता से सामूहिक प्रार्थना की गई एवम् हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
इस अवसर पर गेप्स के संस्थापक राम भरोसा कंडवाल ने अपने उद्बोधन में सभी उपस्थित जनों को गढ़वाल का मुख्य पर्व इगास, प्रबोधनी एकादशी एवम् तुलसी विवाह की शुभकामना देते हुए कहा कि देव भूमि के कण कण में शिव विराजमान है जो करुणा के अवतार तो है ही लेकिन अहंकारी एवम् नास्तिकता को भी अपना वजूद का आभास करा देते है । देव भूमि में श्रद्धा पूर्वक किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता बस कैलाश में बिराजमान शिव का स्मरण जरूरी है। श्री कंडवाल ने कहा कि देव भूमि में नाग, किन्नर, यक्ष, गंधर्व, सिद्ध एवम् अनेक देवी देवता वास करते है जो इन आंखों से नहीं देखे जा सकते उनके दर्शन के लिए आस्था के नयन चाहिए होते है। देव स्थानों से सोच समझ कर ही छेड़ छाड़ करनी चाहिए। सरकार को किसी भी देव स्थान पर प्रोजेक्ट तयार करने से पहले उस क्षेत्र के लोगों से अवश्य राय लेनी चाहिए। हो सके तो देव स्थानों को कमाई का जरिया न बनाकर उन्हें आस्था का ही केंद्र रहने दिया जाय तो यह समाज व राष्ट्र हित में होगा।
अध्यक्षता करते हुए श्री मोहन सिंह बिष्ट जी ने कहा कि अधिक आवाजाही से हिमालय के तापमान में दिनों दिन अंतर आरहा है इस से ग्लेशियर के अधिक पिघलने की संभावना है।
मनमोहन काला जी ने हिमालय को पर्यावरण का मुख्य केंद्र बिंदु कहते हुए कहा कि हिमालय पर ही जन जीवन टीका है। श्री दिनेश चौधरी जी ने हिमालय से अधिक छेड़ छाड़ जल प्रलय को न्योता देना बताया। कार्यक्रम का संचालन श्री जयपाल सिंह जी ने किया ।
इस अवसर पर एम एस बिष्ट, आर बी कंडवाल, मनमोहन काला, दिनेश चौधरी,जगत सिंह नेगी, एस पी डोबरियाल, प्रतिमा, उषा, मीना,प्रतिभा, तनुजा, मीनाक्षी बडथ्वाल, राज किशोर, नंदन सिंह नेगी,नीरजा गौड़ एवम् रेखा ध्यानी जी ने अपने विचार व्यक्त किए।

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