कोटद्वार । कोटद्वार डिपो की बस में व्यावसायिक सामान ले जाने की खबर विगत 29 अक्टूबर दिन रविवार को किसी पत्रकार ने अपने फेसबुक चैनल पर लगाई थी । जिसके दो दिन बाद खबर प्रकाशित होने पर उत्तराखंड परिवहन निगम की छवि को धूमिल करने के आरोप में मंडलीय प्रबंधक ने चालक व परिचालक दोनों का स्थानांतरण पर्वतीय डिपो देहरादून कर दिया था । ठीक आदेश के अगले दिन चालक व परिचालक अपनी यूनियन के पदाधिकारी के साथ मंडलीय प्रबंधक देहरादून को मिलने गए व उक्त प्रकरण में जांच की मांग की । जिसके बाद मंडलीय प्रबंधक देहरादून ने दोनों को वापस कोटद्वार भेज दिया और सहायक महाप्रबंधक हरिद्वार को दस दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने की मांग की गई । नौ नवम्बर गुरुवार को सहायक महाप्रबंधक हरिद्वार ने चालक, परिचालक, पत्रकार सुधांशु व नरेन्द्र चौधरी को उक्त जांच के लिए अपने कार्यालय में बुलवाया गया । जिसमें पत्रकार उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के कारण नहीं जा सके । सहायक महाप्रबंधक हरिद्वार ने सभी को बीस नवम्बर की तारीख दी थी जिस पर पत्रकार पहुंचे किंतु कोई भी अन्य लोग नहीं पहुंचे । पत्रकार पहुंचने के कुछ देर बाद एक व्यक्ति आया जिसने अपने को रिजनल सिक्रेटी व अपना नाम भी गलत बताया । हैरानी की बात तो यह सब सहायक महाप्रबंधक हरिद्वार के समक्ष होता रहा किंतु उन्होंने भी उक्त व्यक्ति को नहीं टोका । पत्रकार को केवल विडियो की सत्यता के लिए बुलाया गया था किंतु वहां पर पैरोकारी करने आए व्यक्ति द्वारा पत्रकारों से सवाल जबाव किए गए जोकि न्यायोचित नहीं था । उसके बाद सहायक महाप्रबंधक हरिद्वार ने भी पत्रकार से सवाल जबाव किए । जब पत्रकारों ने सवाल पूछने चाहे तो उन्हें मना कर दिया गया । जिससे साफ स्पष्ट होता है कि पूरे प्रकरण में षडयंत्र रचकर जबरन चालक व परिचालक को बचाया जा रहा है । अब देखना यह होगा कि जब विडियो में स्पष्ट हो रहा है कि बस से कई कैरेट सामान निकला है और उसका टिकट बुक नहीं हुआ है तो इस प्रकरण में चालक – परिचालक पर क्या कार्रवाई की जाती है ।