सांसारिक जीवन छोड़कर सन्यासी बनना सबके बस की बात नहीं है। सन्यासी बनने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति और सन्यासी जीवन जीने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए। सनातन धर्म की रक्षा व सनातनी हिंदुओं के अस्तित्व की रक्षा के लिए आज कोटद्वार उत्तराखंड के दीपक बजरंगी ने शिव शक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर परम पूज्य गुरु जी यति नरसिंहानंद गिरी महाराज जी जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर जी के शरण में पहुंचकर सन्यास ग्रहण किया ।
दीपक बजरंगी को सनातन धर्म में सन्यास ग्रहण करने की पद्धति द्वारा यज्ञ हवन करके मंत्रों का उच्चारण करते हुए सन्यास ग्रहण करने व हिंदू व सृष्टि के कल्याण हेतु बाकी जीवन गुजारने का संकल्प करवाया गया।यज्ञ पिंड दान आदि विधि विधान से करने के बाद दीपक बजरंगी ने सन्यास ग्रहण किया ।जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद जी ने दीपक बजरंगी को आशीर्वाद देकर भगवा चोला धारण करवाया सन्यास ग्रहण करने के बाद मंत्रों द्वारा नया नाम दिया जाता है।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद जी ने दीपक बजरंगी जी का नाम यति परमात्मानंद सरस्वती नाम रखा उन्होंने कहा मैं महादेव जी से प्रार्थना करता हूं कि यति परमात्मानंद सरस्वती पर अपनी कृपा बनाए रखें जिससे कि सनातन धर्म की रक्षा व सनातनी हिंदुओं के अस्तित्व की रक्षा कर सकें।