कोटद्वार – आर्य गिरधारीलाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट (पंजीकृत) कोटद्वार की एक बैठक ट्रस्ट कार्यालय पदमपुर सुखरो में हुई, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ ट्रस्टी वयोवद्ध श्री चक्रधर शर्मा ‘कमलेश’ ने संचालन कै. पी एल खंतवाल (सेनि) ने किया।
ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष व उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल के प्रदेश महामंत्री सुरेन्द्र लाल आर्य ‘सर्वोदयी पुरूष’ को बोधी वृक्ष – बुद्ध बिहार ,कुंजीलाल पेठ, नागपुर – 27 द्वारा “पंचशील सम्मान” से सम्मानित किया गया ,सम्मान स्वरूप पंचशील ध्वज व भगवान बुद्ध स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए , यह सम्मान भिक्खु अभयनायक व भन्तेजी शिलानन्द के हाथों नागपुर में प्रदान किये जाने पर करतल ध्वनि से हर्ष ब्यक्त किया गया , समाजसेवी श्री सत्यप्रकाश थपलियाल ने कहा कि सुरेन्द्र लाल आर्य ने समाज सेवा व सर्वधर्म समभाव के लिए अपना जीवन समर्पित किया हुआ है वे श्रद्धा व सम्मान के उचित पात्र हैं ।
वयोवृद्धा गांधीवादी सर्वोदय सेविका श्रीमती शशिप्रभा रावत ने कहा कि बौद्ध धर्म के अनुसार शील या सदाचार के पांच सिद्धांत जिसका आचरण प्रत्येक धर्मशील ब्यक्ति के लिये आवश्यक बताया गया है , 1- अस्तेय (चोरी न करना), 2 – अहिंसा (हिंसा न करना) , 3 – बह्मचर्य (ब्याभिचार न करना) , 4 – सत्य ( झूठ
न बोलना) और 5- मादक द्रव्यों का भोग न करना।
प्रोफेसर नन्दकिशोर ढोडियाल ‘अरुण’ ने कहा कि ” संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए आपसी सम्मान, आपसी गैर – आक्रामकता, एक दूसरे के मामले में गैर – हस्तक्षेप, समानता और पारस्परिक लाभ , और शांतिपूर्ण सह – अस्तित्व पंचशील संधि के पांच सिद्धान्त हैं ” और यह विश्वकल्याण के लिए आवश्यक हैं ।
सभा को बचन सिंह गुसाईं, सतीश कुमार, डॉ. मनोरमा ढोडियाल आदि ने संबोधित किया, सभा मे गौरव रावत ,नन्दलाल धनगर, मोहन भारती , अमेरिका सिंह, संदीप कुमार व बीर सिंह आदि मौज़ूद थे ।