पौड़ी, 30 जून। प्रसिद्ध संख्याविज्ञानी एवं महान अर्थशास्त्री प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की 131वीं जयंती के अवसर पर रविवार को 19वाँ राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर महालनोबिस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित कर की गयी। इस वर्ष सांख्यिकी दिवस की विषयवस्तु “राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के 75 वर्ष” रही, जिस पर उपस्थित अधिकारियों ने विस्तार से विचार व्यक्त किये और सामाजिक योजनाओं, नीति निर्माण तथा विकास कार्यक्रमों में संख्यकीय आंकड़ों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने ने प्रोफेसर महालनोबिस के बारे में बताया कि वे एक दूरदृष्टा वैज्ञानिक, योजनाकार एवं भारत में सांख्यिकी के जनक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007 से प्रत्येक वर्ष 29 जून को सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) के 79 चरण पूरे हो चुके हैं और जनवरी 2025 से 80वां चरण “सामाजिक उपभोग तथा स्वास्थ्य” विषय पर प्रारंभ किया गया है, जिसमें चयनित परिवारों से निर्धारित अनुसूचियों के माध्यम से आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं। वहीं अपर सांख्यिकीय अधिकारी गढ़वाल मंडल अरविंद कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की स्थापना वर्ष 1950 में प्रोफेसर महालनोबिस द्वारा की गयी थी। उन्होंने बताया कि इस संगठन के माध्यम से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों से जुड़े विषयों पर नियमित रूप से सर्वेक्षण कर आंकड़े एकत्र किये जाते हैं, जिनका उपयोग नीति निर्माण, योजनाओं की समीक्षा और सामाजिक विकास के लिये किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार की द्वितीय पंचवर्षीय योजना प्रोफेसर महालनोबिस द्वारा प्रस्तुत “महालनोबिस मॉडल” पर आधारित थी, जिससे देश में तीव्र औद्योगीकरण और रोजगार सृजन को गति मिली। उनके द्वारा प्रस्तुत “महालनोबिस दूरी” नामक सूत्र आज भी शोध एवं विश्लेषण के क्षेत्र में उपयोगी है।
इस अवसर पर अपर सांख्यिकीय अधिकारी शालिनी राठौर, प्रधान सहायक मंगल मोहन थपलियाल, सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित रहे।