राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर गढ़वाल में नये प्रशिक्षित एमबीबीएस छात्रों को रैगिंग,साइबर फ्रॉड,नशे के दुष्परिणाम व यातायात नियमों के संबंध श्रीनगर पुलिस ने किया जागरूक           

गबर सिंह भण्डारी

श्रीनगर गढ़वाल। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल द्वारा जनपद के सभी थाना/चौकी प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्रों में युवा पीढ़ी को नशे से होने वाले दुष्प्रभाओं,साइबर क्राइम/फ्रॉड से बचने व ट्रैफिक नियमों का पालन किये जाने हेतु जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिसके क्रम में आज दिनांक 28 नवम्बर 2024 को प्रभारी श्रीकोट चौकी उप निरीक्षक मुकेश गैरोला व महिला आरक्षी प्रिया द्वारा राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर गढ़वाल में नये प्रशिक्षित एमबीबीएस छात्रों को रैगिंग,साइबर फ्रॉड,नशे के दुष्परिणाम व यातायात नियमों के संबंध जागरुक किया गया।

1.रैगिंग के संदर्भ में बताया कि रैगिंग एक गंभीर सामाजिक अपराध है,जो शारीरिक,मानसिक और भावनात्मक शोषण का कारण बन सकता है। रैगिंग किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना है,जो वरिष्ठ छात्रों द्वारा नवप्रवेशी छात्रों के साथ की जाती है। यह प्रशिक्षित नये छात्रों के आत्मसम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। डर और असुरक्षा के कारण पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।

2.कानूनी प्रावधान के अनुसार भारत में रैगिंग निषेध अधिनियम,1999 लागू है। यूजीसी द्वारा “एंटी रैगिंग हेल्पलाइन” (टोल फ्री नंबर 1800-180-5522) स्थापित की गई है। साथ ही भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 भारत के प्रत्येक नागरिक को जीवन औऱ व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है| किसी भी प्रकार की रैगिंग की घटना होने पर तुरंत संस्थान के एंटी-रैगिंग सेल,प्रशासन या पुलिस को सूचित करने के लिए प्रेरित किया गया। सभी प्रशिक्षित एमबीबीएस छात्रों से उपरोक्त के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो सभी ने बताया कि इस प्रकार के बुरे कृत्य उनके साथ नहीं होते हैं| सभी को बताया कि यदि किसी भी छात्र के साथ कोई रेगिंग जैसी घटना होने पर तत्काल कॉलेज प्रशाशन के एंटी रेगिंग सेल अथवा पुलिस के पास इसकी सूचना दी जाय।

साइबर जागरूकता

1.साईबर फ्रॉड वर्तमान में देश की सर्वप्रथम समस्या बनी हुयी है,प्रत्येक व्यक्ति साईबर फ्रॉड का शिकार किसी न किसी रुप में हो रहा है। साईबर फ्रॉड में व्यक्ति कई प्रकार से आता है।

2.साईबर फ्रॉड करने वाला व्यक्ति किसी को लोन की धनराशि दुगना करना,लॉटरी लगना,पैंसे कमाने की नई तकनीकि में लाना,टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर विभिन्न लुभावने ऑफर देकर लोगों से फ्रॉड कर देते हैं।

3.किसी को मानसिक रुप से ब्लैकमेल करके कि आपके बच्चे के खिलाफ किसी मामले में एफ.आई.आर.हुई है,या आपका नम्बर किसी एफ.आई.आर में प्रकाश में आ रहा है,या साईबर फ्रॉडर आपको वीडियो कॉल कर एक एडिटेड न्यूड वीडियो बनाकर डराकर वर्तमान में कई प्रकरण आ रहे हैं।

4.मित्र या रिश्तेदार बनकर भी व्हाट्स एप,फेसबुक,इन्स्टाग्राम में फर्जी आई.डी बनाकर पैंसों की मांग यह बोलकर करते हैं कि शाम को या अगले दिन लौटा देंगे।

5.इस प्रकार व्यक्ति सामने वाले को बिना वैरीफाई किये या जाने लालच में आकर,मानसिक रुप से ब्लैकमेल होकर,मित्र या रिश्तेदार के लिये भावनाओं में आकर उनको गूगल पे या अन्य माध्यम से रुपये डाल देते हैं और उसके पश्चात इस डार्क नेट में इतना उलझ जाते हैं,कि कई बार लाखों रुपये साईबर फ्रॉडर को उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये खातों व क्यूआर कोड में ऑनलाईन ट्रांसफर कर देते हैं,और साईबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।

6.साइबर फ्रॉड से बचने का उपाय यही है कि जागरूक होकर धनराशि डालने से पूर्व घटना कि पूर्ण जानकारी करते हुए संबंधित अज्ञात नंबर को ब्लॉक कर दें और पुलिस को जानकारी देने के साथ साथ टोलफ्री नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें।

7.इसी प्रकार नशे के दुष्परिणामों के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद प्रशिक्षित एमबीबीएस छात्रों को यातायात नियमों व ड्रग्स के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। प्राचार्य डॉ.सीएमएस.रावत मेडिकल कॉलेज श्रीकोट श्रीनगर ने कहा कि पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाना अच्छी पहल है। इससे छात्रों में खुद की सुरक्षा के प्रति जागरूकता आयेगी।

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