विकासखण्ड द्वारीखाल के खरीक गांव के प्राकृतिक विशालकाय ताल को मिलेगी पहचान-डीएम

एनएच-58 व महादेव चट्टी से लगभग 6-7 किमी की दूरी पर स्थित खरीक ताल व इसके आसपास के रमणीक क्षेत्र में पर्यटन की असीम संभावनाएं

सिंचाई विभाग दुगड्डा तैयार करेगा खरीक ताल के विश्लेषण की रिपोर्ट

जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने तहसील जाखणीखाल के अंतर्गत खरीक गांव पहुँचकर गांव में बने प्रकृतिक व विशालकाय ताल का निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश कि खरीक ताल में वाटर स्टेगनेशन, वाटर प्यूरिटी, बरसात के मौसम में तालाब में वाटर लेवल की स्थिति तथा इससे प्रभावित होने वाले भू-भाग, बसावट की स्थिति जैसे तमाम पहलुओं को शामिल करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही उन्होंने खरीक ताल व इसके आस-पास के क्षेत्र का ड्रोन सर्वे कराने को कहा है।

इसके उपरांत जिलाधिकारी ने खरीक गांव से महादेव चट्टी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-58 के बीच की लगभग 6 किमी की दूरी को पैदल चलकर पूरी की।

महादेव चट्टी से लगभग 6-7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में प्राकृतिक रूप से बने तीन तालाबों के समूह को देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह खरीक गांव की यह रमणीक जगह पर्यटक हब बन सकती है। कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 6 किमी की दूरी पर स्थित यह स्थल पर्यटन असीम संभावनाओं को समेटे हुए है।

मौके पर उप जिलाधिकारी चतर सिंह चौहान, परियोजना निदेशक डीआरडीए वी०के० उपाध्याय, तहसीलदार साक्षी उपाध्याय, बीडीओ द्वारीखाल रवि सैनी, बी०डी०ओ० यमकेश्वर दृष्टि आनंद, ग्राम प्रधान कृष्णा पंवार सहायक अभियंता सिंचाई विभाग दुगड्डा अनिल राठोड़ सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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