जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जनपदीय टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की गयी।जिलाधिकारी ने सभी बाल विकास अधिकारियों से अभियान के अन्तर्गत किये गये कार्यों और चलाये गये जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी ली तथा बाल विकास विभाग के अतिरिक्त शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग इत्यादि सहयोगी विभागों से भी अभियान के तहत किये गये सहयोगात्मक कार्याेे की जानकारी ली।उन्होंने विकासखण्ड वार एनीमाइज्ड महिलाओें व बच्चों, कुपोषित, अल्पपोषित, कम वजनी और ओवरवेट बच्चों का पृथक-पृथक विवरण प्रस्तुत करने तथा इसमें सुधार लाने हेतु तद्नुसार बेहतर प्लान बनाते हुए उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को निर्देशित किया कि सभी सी.डी.पी.ओ. और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एनीमाइज्ड महिलाओं और बच्चों के एनीमिया की जांच का प्रशिक्षण दिलवायें। इस संबंध में यदि जांच किट की आवश्यकता हो तो उसे उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला और बच्चों की जांच से पता चल जायेगा कि किस महिला और बच्चे में किस चीज की कमी है। तत्पश्चात् उस महिला और बच्चे को जिस इलाज अथवा पोषक तत्वों की आवश्यकता होगी उसको नियमित निगरानी में उसी अनुरूप उपलब्ध करवाकर उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकेगा। उन्होंने इसके लिए कोटद्वार और पौड़ी में कार्यशाला का आयोजन करने के भी निर्देश दिये और कहा कि इसमें स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सहयोगी विभागों को भी आंमत्रित किया जाये।
उन्होंने प्रत्येक माह की 05 तारीख को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के वजन लेने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की भी जांच करने तथा उनके खान-पान की आदतें, अच्छे पोषक आहार पदार्थों के सेवन के साथ-साथ बेहतर दिनचर्या और साफ-सफाई से संबंधित बातों को भी साझा करनें के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि महिला द्वारा गर्भधारण करने से पूर्व से लेकर गर्भधारण की शुरूआती अवस्था, प्रसूती दौरान और बच्चे के जन्म के प्रथम 03 वर्षों तक के सुनहरे 1000 दिवस में महिला और बच्चे के पोषण, स्वास्थ्य और बेहतर दिनचर्या की देखरेख की बहुत जरूरत होती है। इसलिए ऐसा प्लान बनायें कि प्रत्येक चरण में महिला व बच्चे को पर्याप्त और बेहतर भोजन, यदि अवश्यकता हो तो आयरन, फौलिक एसिड, अतिरिक्त विटामिन्स इत्यादि की मात्रा उपलब्ध कराएं जिससे जच्चा- बच्चा दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे ने सुझाव दिया कि महिला ग्राम प्रधानों तथा अलग-अलग स्थानों की किशोरियों की इसमें अधिक भागीदारी बढ़ाकर तथा उनकी विशेष रिक्वायरमेंट के अनुरूप हाइजीन और स्वास्थ्य सुविधा को उनके अनुभवों के आधार पर उपलब्ध कराने से और भी बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। इसलिए इन बिंदुओं को भी अपनी कार्ययोजना में शामिल किया जाये।आयोजित बैठक में सीएमओ डॉ0 प्रवीण कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार, डॉ रमेश कुंवर सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।