रंजना गुसाई
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ.अंबेकर उत्कृष्ठता केंद्र के तत्वाधान में भारतीय संविधान एवं राजनीति विषय पर आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 26 मार्च से 2 अप्रैल तक किया गया । जिसमें जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर व संविधान विशेषज्ञ डॉ.दिनेश गहलोत द्वारा संविधान के विभिन्न पहलुओं पर सूक्ष्म चर्चा की गयी। व्याख्यान के प्रथम दिवस डॉ.गहलोत ने संविधान सभा के गठन,सभा के विभिन्न सत्रों में हुई महत्वपूर्ण चर्चा की व द्वितीय दिवस संविधान सभा के सदस्यों द्वारा लाए गये संशोधनो, महिला सदस्यों की भूमिका व संविधान सभा के सातवें सत्र पर विस्तृत चर्चा की गई । चर्चा के तीसरे दिन डॉ.गहलोत नें संविधान की विभिन्न अनुसूचियों एवं संविधान में जोडी गई नई अनुसूचीयों व उनसे संबंधित विवादों व न्यायालयों द्वारा की गयी व्याख्या से छात्रों को अवगत कराया। सत्र के चौथे दिन डॉ.गहलोत ने प्रस्तावना में उल्लेखित प्रत्येक शब्द का महत्व एवं संविधान सभा में प्रस्तावना पर हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं का वर्णन किया। व्याख्यान के पांचवे सत्र में संविधान संशोधन की प्रक्रिया व विभिन्न संशोधनो एवं इससे संबंधित बेरूबारी वाद,गोलकनाथ वाद व केशवानंद भारती वाद में लिए गए निर्णयों पर विस्तृत चर्चा की। सत्र के अंतिम दो दिनो में डॉ.गहलोत ने संविधान के भाग तीन सें उल्लेखित प्रत्येक मूल अधिकार पर विस्तृत चर्चा की । कार्यशाला के प्रत्येक सत्र में अनेक छात्रों व शिक्षकों ने डॉ.गहलोत से अपने प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्राप्त किए। कार्यशाला में प्रो.एस.सी.गुप्ताप्रो.यू.सी.गैरोला डॉ.राखी पंचोला,एचपी यूनिवर्सिटी, बीएचयू, जेएनयू,पटना विश्वविद्यालय रायबरेली,सहित देश के विभिन्न डाक्टर अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र छात्रों ने हिस्सा लिया। डाक्टर आशीष बहुगुणा,डॉ.प्रकाश सिंह,विदुषी डोभाल,आदि के सहयोग से कार्यशाला संपन्न हूई।
अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं समन्वयक अंबेडकर सेंटर प्रों.एम.एम.सेमवाल ने डॉ.गहलोत एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।