प्रकृति से मनुष्य का भावनात्मक रिश्ता बना रहे शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो निस्वार्थ हो यह वक्तव्य गांधी की पौत्री तारा ग़ांधी भट्टाचार्य ने प्रख्यात पर्यावरणविद व पद्मविभूषित सुन्दरलाल बहुगुणा की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही है। सुंदरलाल बहुगुणा भारत के प्रमुख पर्यावरण चिंतक और चिपको आंदोलन के प्रणेता माने जाते हैं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी की पौत्री तारा गाँधी भट्टाचार्य ने कहा की बहुगुणा जी को जब वे पहली बार मिली तो उन्हें वे फ़कीरी के भेष मे बादशाह दिखा।कार्यक्रम में शामिल सुश्री राधा बहन (लक्ष्मी आश्रम कौसानी) ने कहा कि सुन्दर लाल बहुगुणा को नापना कठिन है। उन्होने समाज व्याप्त विभिन्न समस्याएँ को लेकर विभिन्न आन्दोलन किये उनको चिपको य टिहरी बान्ध आन्दोलन तक ही सीमित नही रखा जा सकता है। इस दौरान बीज बचाओ आन्दोलन के विजय जड़धारी, बीज बम अभियान प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल, जे पी मैठाणी, सदन मिश्रा, नीमा बहन, राज्य आंदोलनकारी नेत्री शुशीला बलूनी, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ फारुख, डॉ० भगवती प्रसाद मैठाणी, डॉ० भगवती प्रसाद नौटियाल, डॉ० महेश कुड़ियाल, पूर्व DGP अनिल रतूड़ी, उत्तराखंड शासन की प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, मुख्य रूप से सुश्री राधा बहिन कौसानी, श्री राजेन्द्र सिंह जी जलपुरुषराजस्थान,सर्वोदय सेविका श्रीमती शशिप्रभा रावत कोटद्वार व सुरेन्द्र लाल आर्य , राज्य सचिव, उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल सैकड़ों लोगों ने आदि ने भाग लिया है।