समतावादी श्रीमती झड़ी देवी रावत का निधन

आर्य गिरधारी लाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट (पंजीकृत) कोटद्वार की एक शोक सभा ट्रस्ट कार्यालय पदम पुर सुखरो में हुई । जिसमें ट्रस्ट की मार्गदर्शिका वयोवृधा श्रीमती झड़ी देवी रावत (88 वर्ष) ग्राम नन्दपुर (पटवारी चौकी के सामने) भाबर का बीती रात निधन हो गया, आज (10 जून) को चंडीघाट हरिद्वार में वैदिक रीति से उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनके पुत्रों महेंद्र सिंह रावत व राजेन्द्र सिंह रावत ने चिता को मुखाग्नि दी।शोक सभा मे दो मिनट का मौन ऱखकर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवम गहरा शोक ब्यक्त किया गया ।
समाजसेवी ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल आर्य ने कहा कि स्वर्गीय झड़ी देवी रावत की घनी छांव में नन्दपुर में मेरे भविष्य का निर्माण हुआ, वे समतामूलक समाज की प्रबल समर्थक थी तथा समता के लिए हमेशा संघर्ष करती रही गांव वालों के प्रत्येक सुख दुख में वे साथ खड़ी रहती थी, जिसका परिणाम है कि वे लगातार 30 वर्षों तक ग्राम सभा नन्दपुर की *निर्विरोध* पंचायत सदस्य (पंच) रहीं व गांव में सिंचाई व पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल बनाने हेतु अपनी जमीन दान दी , जिसके लिए बहुत से संगठनों द्वारा उनकी भूरी भूरी प्रसंशा की गई एवम उन्हें सम्मानित किया गया था ।
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए भारतीय दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2011 में उन्हें *सावित्री बाई फुले राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान- 2011* से सम्मानीत किया गया था, यह सम्मान अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस पी सुमनाक्षर व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के हाथों दिल्ली में प्रदान किया गया था ।शोक सभा में कैप्टन पी एल खंतवाल, सत्य प्रकाश थपलियाल, एडवोकेट जगमोहन भारद्वाज, बीर सिंह, बचन सिंह गुसाईं, शूरबीर खेतवाल, संदीप आर्य , प्रवेश नवानी, जनार्दन ध्यानी आदि मौजूद रहे थे ।

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