शीशमबाड़ा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट:51 घंटे बाद भी नहीं बुझी आग,दमकल विभाग की ‘ना’;धुंए से ग्रामीणों को घुटन

शीशमबाड़ा प्लांट में लगी आग 51 घंटे बाद भी नहीं बुझ पाई। दमकल विभाग की टीम लगातार पांच वाहनों से आग बुझाने में लगी है। लेकिन प्लांट में मौजूद कूड़ा अब भी धू धूकर जल रहा है। प्लांट से उठ रहा धुआं सेलाकुई से लेकर आसपास के गांवों में सुबह नौ बजे तक छाया रहा।

धुएं के कारण लोगों को घुटन महसूस होने लगी है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। दमकल विभाग का कहना है कि आग बुझाने में काफी कठिनाई आ रही है। फायर ब्रिगेड के और वाहन मंगाये गये हैं। जिससे गुरुवार तक आग पर काबू पाया जा सके। सोमवार बारह बजे दोपहर में अचानक शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में आग लग गई थी। आग ने विकराल रूप धारण किया हुआ है।

दमकल विभाग की टीम घटना के दिन से ही पांच गाड़ियों के साथ आग बुझाने के काम में लगी है। लेकिन आग लगने के तीसरे दिन यानी 45 घंटे पूरी तरह से बीत चुके हैं। दमकल विभाग की टीम रात दिन आग बुझाने में लगी है। लेकिन आग बुझ नहीं पा रही है। लाखों टन कबाड़ अंदर की सतह तक आग पकड़ चुका है।

जिसके चलते लगातार आग को बुझाने के बावजूद प्लांट के अंदर कचरे में लगी आग सुलगती ही जा रही है। आग के कारण शीशमबाड़ा प्लांट के साथ साथ सेलाकुई बाजार से लेकर सिंघनीवाला, शेरपुर, मेदनीपुर, बायांखाला, हसनपुर कल्याणपुर के ऊपर प्लांट का धुआं फैल गया है।

गर्मी में प्लांट में लगी आग के धुएं से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने के साथ ही घुटन भी महसूस हो रही है। दमकल विभाग सेलाकुई के एफएसओ रमेश चंद्र गौतम का कहना है कि आग इतना अधिक फैल चुकी है कि तीन दिन से लगातार कोशिशों के बावजूद आग बुझने का नाम नहीं ले रही है।

कहा कि अब भी प्लांट में आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। कहा कि पांच गाड़ियां लगातार आग बुझाने में लगी हैं। लेकिन आग फैलती ही जा रही हैं। कहा कि फायर ब्रिगेड के और वाहन मंगाये जा रहे हैं। कहा कि उम्मीद है कि गुरुवार तक आग पर नियंत्रण हो पायेगा।

अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर रोष
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के संयोजक शूरवीर सिंह चौहान ने कहा कि नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने पुलिस को तहरीर दी। उसमें कहीं भी कंपनी प्रबंधन को आग लगने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जबकि प्लांट का जिम्मा कंपनी को सौंपा गया है। जिसके लिए कंपनी पूरी तरह से जिम्मेदार है। ऐसे में सीधे कंपनी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।

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