जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदंडे की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समीति (डी.एल.आर.सी.) और डी.सी.सी. (जिला सलाहकार समिति) की बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने बैंकर्स व संबंधित रेखीय विभागों को निर्देशित किया कि आम जन मानस को सरकारी योजनाओं का समुचित और त्वरित लाभ प्रदान करना सुनिश्चित करें।जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति (डी.एल.आर.सी.) और डी.सी.सी. (जिला सलाहकार समिति ) की बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न कल्याणकारी और विकासपरक जिन योजनाओं में लोनिंग द्वारा योजना की प्रगति संतोषजनक नही थी तथा जिनमें आवेदन या तो अधिकतर निरस्त किये गये अथवा लम्बित थे उनकी प्रगति बढ़ाने के लिए सभी बैंकों, पर्यटन विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण, एनआरएलएम, उद्यान आदि रेखीय विभागों को आपसी समन्वय से रिजेक्शन और पेन्डेंसी को न्यूनतम करने के निर्देश दिये। उन्होंने बैंकों को आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले सपोर्टिग दस्तावेजों और सभी तरह की औपचारिकताओं की चेकलिस्ट बनाने तथा संबंधित रेखीय विभागों और आवेदकों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये ताकि आवेदक को औपचारिकताओं को पूरा करने में सुविधा हो सके। साथ ही निर्देशित किया कि विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लोनिंग आधारित जो आवेदन किसी औपचारिकता की कमी के चलते यदि लंबित रहते हैं तो संबंधित विभाग और बैंक आपस में डिस्कस करके समाधान निकालेंगे किन्तु किसी भी दशा में आवेदक को अनावश्यक परेशान न किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि बैकर्स और सम्बधित रेखीय विभाग की सुस्ती के चलते किसी भी आवेदक का आवेदन पत्र न तो निरस्त किया जाए न ही लंबित रखा जाये।जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकर्स और विभाग दोंनों अपनी अपनी वार्षिेक प्लान तैयार कर बेहतर प्रगति के लिए सटीक कार्ययोजना बनायें। लोगों को डिजिटल बैंकिग और विभिन्न ऋण योजनाओं के सम्बन्ध में विभिन्न क्षे़त्रों में कैम्प लगायें तथा कैम्प लगाने से कम से कम एक सप्ताह पूर्व विभिन्न माध्यमों से लोगों को सूचित करें ताकि कैम्प आयोजन दिवस के दिन लोग उपस्थित हो पायें। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना में भारतीय स्टैट बैंक की प्रगति संतोषजनक न होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने रेखीय विभागों को भी अपने विभाग से संबधिंत योजनाओं का लोगों को समुचित लाभ दिलाने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया के साथ-साथ सपोर्टिग डौक्यूमेंट्स औरऔपचारिकताओं से भी अवगत कराने को कहा तथा स्वरोजगारपरक योजनाओं पर विशेष फोकस करते हुए उसकी प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने विलफुल डिफाल्टरों और बकायेदारों द्वारा अलग-अलग बैकों से ऋण वितरण को रोकने के लिए बैकों को क्रास चैकिंग और वैरिफाई करने तथा रेखीय विभागों से भी उसकी सूचना आदान-प्रदान करने को कहा। उन्होंने निर्देशित किया कि इस बात का ध्यान रखें कि डिफाल्टर किसी अन्य पारिवारिक सदस्यों के नाम पर तो लोन नही ले रहे है जिससे बैकों की एन.पी.एस (नॉन निस्पादित सम्पति) न बढ़ें। इसकी रोकथाम हेतु विभिन्न पक्षों द्वारा सूचनाओं को त्वरित करते हुए क्रास वैरिफिकेशन से रोक सकते है। साथ ही राजस्व वसूली के लिए आपसी समन्वय से कार्य करे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्वयं सहायता समूहों को आजीविका के बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के चलते डी.आर.डी.ए. संजीव कुमार राय और ग्रामीण वित्त समन्वयक धनंजय भट्ट के कार्यों की सराहना की गयी। उन्होंने वार्षिक लक्ष्य 1148 के मुकाबले 1170 आवदेन (लक्ष्य से अधिक) प्रगति कीे। इसी तरह सीडी रेस्यो (ऋण जमा अनुपात) में भारतीय स्टैट बैक द्वारा बेहतर कार्य करने के चलते उनके कार्यो की भी सराहना की गयी, जिससे पहली बार जनपद पौड़ी का सीडी रेस्यो 26.06 (25 से अधिक) आया। इसके अतिरिक्त मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी तथा विभिन्न बैंकर्स द्वारा जिन स्कीमों में बेहतर कार्य निष्पादन किया गया उसकी भी सराहना की गयी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्रीमती ईला गिरि, एल.डी.एम अनिल कटारिया, डी.डी.एम नाबार्ड भूपेन्द्र सिंह, आर.बी.आई से विकास त्यागी, जिला उद्योग महाप्रबंधक मृत्युंजय सिंह सहित विभिन्न बैकर्स और रेखीय विभाग से सम्बधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।